"अक्लमंद को इशारा ही काफी है" मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Akalmand Ko Ishara Hi Kafi Hai Meaning In Hindi

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Akalmand Ko Ishara Hi Kafi Hai Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / अक्लमंद को इशारा ही काफी है मुहावरे का क्या अर्थ होता है?

आम के आम गुठलियों के दाम मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Aam Ke Aam Guthliyon Ke Daam Meaning in Hindi

 

Aam Ke Aam Guthliyon Ke Daam Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / आम के आम गुठलियों के दाम मुहावरे का अर्थ क्या होता है?

 

आम के आम गुठलियों के दाम मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Aam Ke Aam Guthliyon Ke Daam Meaning in Hindi
Aam Ke Aam Guthliyon Ke Daam






मुहावरा- “आम के आम गुठलियों के दाम” ।


(Muhavara- Aam Ke Aam Guthliyon Ke Daam)



अर्थ- दोहरा लाभ प्राप्त करना / किसी कार्य से दोगुना लाभ मिलना / एक ही वस्तु से दो बार लाभ लेना ।


(Artha/Meaning in hindi- Dohara Labh Prapt karna / Kisi Karya Se Doguna Labh Milna / Ak Hi Vastu Se Do Bar Labh Lena)






“आम के आम गुठलियों के दाम” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-


आम के आम गुठलियों के दाम” यह हिंदी भाषा में प्रयोग होने वाला एक मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ किसी वस्तु से दोहरा लाभ प्राप्त करना या फिर किसी एक ही वस्तु से दो बार लाभ लेना होता है । 


इस मुहावरे का दूसरा मतलब यह होता है कि कोई सामान्य या साधारित चीज को अच्छी तरह से उपयोग करना या इससे अच्छा फायदा उठाना होता है । अर्थात कि कोई सामान्य वस्तु भी सही तरीके से नियोजित किया जाय तो उससे अच्छा फल मिल सकता है ।


इस मुहावरे का अर्थ एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं -


मीरा ने परीक्षा देने के लिए कुछ नयी किताबें खरीदी थी । उसने उन किताबों को खूब पढ़ा और परीक्षा में अच्छे अंको से पास भी हो गयी । मीरा ने जो किताबें खरीदी थीं अब वह उसके किसी काम की नही थी । और उसके घर पर कोई दूसरा पढ़ने वाला भी नही था । इसलिए मीरा ने उन किताबों को बेच दिया जिसके बदले उसे किताब के आधे रुपये भी मील गये । मीरा ने उन किताबों से दोहरा लाभ प्राप्त किया । एक तो उनको पढ़ कर परीक्षा में अच्छे से पास हो गयी और दूसरा कि उन्हे बेच कर रुपये भी जमा कर लिए । अर्थात कि मीरा के लिए वो किताबें “आम के आम गुठलियों के दाम” सिद्ध हुए ।



“आम के आम गुठलियों के दाम” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Aam Ke Aam Guthliyon Ke Daam Muhavare Ka Vakya Prayog. 



आम के आम गुठलियों के दाम” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिये गये कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझा जा सकता है, जो कि इस प्रकार से हैं -



वाक्य प्रयोग- 1.


राजेश की नौकरी गोरखपुर जीले में लगी थी । उसने रहने के किये किराये पर एक मकान ले लिया । पर मकान से दफ्तर दफ्तर तक जाने के लिए उसके पास कोई साधन नही था । इसलिए राजेश ने एक पुरानी मोटरसाइकिल खरीद ली । अब राजेश उसी से दफ्तर आता जाता था । दो सालों के बाद राजेश का गोरखपुर से सिद्धार्थनगर तबादला हो गया । राजेश जाने से पहले ने अपनी पुरानी मोटरसाइकिल बेच दी जिसके बदले उसे अच्छी खासी आदमदनी मिल गयी । राजेश बहोत खुश हुआ क्योकि उसे उस मोटरसाइकिल से दोहरा लाभ प्राप्त हुआ । एक तो उसे दफ्तर आने जाने मे आसानी हो गयी थी और अब उसे बेच कर रुपये मिल गये तो लाभ भी प्राप्त हो गया । अर्थात कि राजेश का मोटरसाइकिल प्रयोग करने के बाद उसे बेच कर आमदनी कामना ही “आम के आम गुठलियों के दाम” वाक्य को सही ठहराता है ।



वाक्य प्रयोग- 2. 


शर्मा जी ने सालो पहले कुछ आम के पेड़ लगाए थे । वो आम के पेड़ बड़े हो गये थे और फल भी दे रहे थे । बहोत से लोगों  उन पेंडो के फलो का खाकर आनंद लिया । शर्मा जी अपना मकान बनवा रहे थे । उन मकानों के लिए उनको दरवाजा बनवाने के लिए लकड़ियों की जरूरत थी । वो मार्केट से लकड़ी खरीदने जा रहे थे । तभी किसी ने उन्हे बताया की आपके पास तो आम के बहोत से पेड़ है तो आप उसी मे से एक पेड़ कटवा कर अपना दरवाजा क्यो नही बनवा ले रहे है? शर्मा जी को ये बात अच्छी लगी क्योकि उनके पैसे भी बच जाएंगे । शर्मा जी ने वही किया अपने खुद के पेड़ से ही अपना दरवाजा बनवा लिया । और शर्मा जी ने एक सुर मे बोला कि ये तो मेरे लिए दोहरा लाभ लेने जैसा हो गया एक तो मैंने इनके फल खाये और अब इन्ही से मेरे घर के दरवाजे भी बन रहे हैं जिससे मेरे पैसे भी बच गये । अर्थात कि शर्मा जी ने एक ही वस्तु से दो बार लाभ लिया । और “आम के आम गुठलियों के दाम” मुहावरे को सही दर्शाया ।



वाक्य प्रयोग- 3.


प्रिया के रखे हुए पुराने डिज़ाइनर कपड़े उसके लिए “आम के आम गुठलियों के दाम” साबित हुए । 

प्रिया की जब शादी हुयी थी तो उसने बहोत सारे डिज़ाइनर कपड़े खरीदे थे । अब शादी के इतने सालों के बाद वो कपड़े अभी भी वैसे ही रखे हैं जिनका प्रिया कभी भी इश्तेमाल नही करती है । प्रिया ने सोचा कि क्यों ना मै इन कपड़ो को बेच कर कुछ लाभ कमा लिया जाए । जैसे ही शादियों का समय आया तो प्रिया ने उन कपड़ो को ऑनलाइन के माध्यम से बेच दिया । इस प्रकार से प्रिया ने एक ही वस्तु से दो बार लाभ प्राप्त कर लिए । उन कपड़ो को पहन भी लिया और जब उनकी जरूरत नही थी तो उन्हे बेच कर अच्छा लाभ प्राप्त कर लिया । इसे ही कहते हैं एक वस्तु से दोहरा लाभ प्राप्त करना । अर्थात कि “आम के आम गुठलियों के दाम” ।



हम ये उम्मीद करते हैं कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ मे आ गया होगा । आप अपने सुझाव देने के लिए हमें कमैंट्स जरूर करें ।



आपका दिन शुभ हो ! 😊



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