"अक्लमंद को इशारा ही काफी है" मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Akalmand Ko Ishara Hi Kafi Hai Meaning In Hindi

Aankho Se Surma Churana Muhavare ka Arth Aur Vakya Prayog / आँखों से सुरमा चुराना मुहावरे का क्या अर्थ होता है।
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आँखों से सुरमा चुराना |
मुहावरा- “आँखों से सुरमा चुराना”।
(Muhavara- “Aankho Se Surma Churana”)
मुहावरे का अर्थ- सामने से देखते-देखते माल गायब कर देना / सफाई से किसी वस्तु का चोरी करना / किसी व्यक्ति को पता चले बीना उसका सामान गायब कर देना।
(Arth/Meaning in Hindi- “Samane Se Dekhate-Dekhate Maal Gayab Kar Dena / Safai Se Kisi Vastu Ka Chori Karna / Kisi Vyakti Ko Pata Chale Bina Uska Samaan Gayab Kar Dena)
“आँखों से सुरमा चुराना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
“आँखों से सुरमा चुराना” यह हिंदी भाषा में प्रयुक्त होने वाला एक चर्चित मुहावरा है। इसका अर्थ सामने से देखते-देखते किसी व्यक्ति का माल गायब कर देना अथवा व्यक्ति को पता चले बिना उसके वस्तु की चोरी कर लेना होता है।
इस मुहावरे को दूसरे शब्दों में समझे तो “आँखों से सुरमा चुराना” एक हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ होता है किसी की अदृश्यता या चुप्पी को दूर करना। अर्थात की अनदेखा या गुप्त रूप से कुछ कर लेना। इस मुहावरे को एक चुप्पी या गुप्त तरिके से कुछ करके प्रभावित करने के लिए उपयोग में लिया जाता है।
इस मुहावरे का एक और अर्थ होता है जैसे कि किसी व्यक्ति को अन्य संवादाताओ से पृथक रख कर उसकी प्रतिस्पर्धा को पार करने के लिए चुप्पी या गुप तरिके से कुछ करना। इसको इसी रूप में देखे तो यह अधिकरत प्रतिस्पर्धा, राजनीतिक या सामाजिक मापदंडो में उपयोग होता है, जहां व्यतिगत संघर्ष और प्रतिस्पर्धा की बात होती है।
उदाहरण-
मैंने बाज़ार में चोर को आँखों से सुरमा चुराते हुये देख लिया।
जब बाजार में मै सब्ज़ियों की खरीदारी कर रहा था, तो मैंने देखा कि एक चोर बाज़ार में घूम रहा था। कुछ देर तक वह चोर इधर उधर घूमता रहा। मुझे ऐसा प्रतित हो रहा था कि वह किसी महत्वपूर्ण वस्तु की तलास कर रहा है। कुछ समय के बाद मैने देखा कि चोर एक सुनार की दुकान पर खड़ा था। सुनारों ने अपनी दुकान बाज़ार में एक किनारे लगाये हुये थे। एक सुनार की दुकान पर दो चार ग्राहक लेन देन कर रहे थे। वह चोर भी वहीं खड़ा था। अचानक देखते देखते ही चोर ने सुनार के सामने ही उसके कुछ गहने चुरा लिये। सुनार को अपने गहने चोरी होने का भनक तक नही लगा। और वहां खड़े लोग भी चोर को चोरी करते हुये नही देख पाये। मै दूर खड़ा होकर ये नज़ारा देख था। मै सोचने लगा की कैसे उस चोर ने सुनार के सामने ही उसके गहने चुरा लिये । चोर का सुनार के सामने ही उसके गहने चुराने की क्रिया को आँखों से सुरमा चुराना कहते है।
“आँखों से सुरमा चुराना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / “Aankho Se Surma Churana” Muhavare Ka Vakya Prayog.
इस मुहावरे का अर्थ निम्नलिखित वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझा जा सकता है।
वाक्य प्रयोग- 1.
रीता ने रंगीन साड़ी देखकर दुकानदार के आँखों से सुरमा चुरा लिया।
रीता अपनी कुछ सहेलियों के साथ कपड़ो की शॉपिंग करने के लिये मार्केट गयी थी। वे सभी एक कपडे की दुकान पर कुछ नये कपड़ो के डिज़ाइन देख रही थी। रीता की सहेलियां सलवार सूट के कपडे पसंद कर रहीं थी। वही दूसरी तरफ कुछ महिलाये साड़ी ख़रीद रही थीं। रीता की नज़र एक रंगीन साड़ी पर पड़ी। रीता को वह साड़ी बहोत पसंद आयी। उसने देखते ही देखते उस रंगीन साड़ी को चुरा लिया और दुकानदार को पता भी नही चला। रीता का इस प्रकार से दुकानदार के समाने ही साड़ी चुराना आँखों से सुरमा चुराना कहलाता है।
वाक्य प्रयोग- 2.
राहुल ने अपने मित्र का पैसा चुरा कर उसकी आँखों से सुरमा चुराने का काम किया।
किसी जरूरी कार्य की वजह से राहुल एक दिन स्कूल नही जा पाया। उस दिन का उसका सम्पूर्ण क्लास छुट गया। उस दिन स्कूल में क्या पढ़ाई हुई थी उसकी जानकारी प्राप्त करने के उद्धेश्य से अपने मित्र के घर गया। राहुल के मित्र ने वो सबकुछ बताया जो स्कूल में पढ़ाया गया था। दोनो मित्र जिस स्थान पर बैठ कर चर्चा कर रहे थे, वही बगल में ही पैसों का तिजोरी भी था। किसी कारण से वह तिजोरी खुली रह गयी थी। राहुल की नज़र उस खुली तिजोरी पड़ पड़ी। उस तिजोरी में रखे हुये पैसों को देखकर राहुल के मन ने लालच पैदा हो गया। बातों ही बातों में राहुल ने अपने मित्र के सामने ही उस तिजोरी से कुछ पैसे चुरा लिये। राहुल के मित्र को ये ख़बर तक नही लगी कि राहुल ने उसके तिजोरी से पैसे चुराये हैं। अर्थात कि ये कहना गलत नही होगा कि राहुल ने अपने मित्र का पैसा चुरा कर उसकी आँखों से सुरमा चुरा लिया।
वाक्य प्रयोग- 3.
सौरभ ने देखते ही देखते गेंद चुरा कर सबकी आँखों से सुरमा चुरा लिया।
एक मैदान में सौरभ और उसके सारे मित्रगण क्रिकेट खेल रहे थे। उसी मित्रों में से किसी एक ने गेंद को बल्ले से ऐसा मारा कि वह गेंद दूर जाकर गिरी। दो लोग उस गेंद को लेने गये पर उनको वो गेंद नही मिली । फिर सभी मित्र मिलकर उस गेंद को खोजनें लगे। गेंद को खोजते हुए काफी देर हो गया पर वह गेंद नही मिला। अचानक सौरभ की नज़र उस गेंद पर पड़ी जो एक झाड़ में फ़सा था। सौरभ ने सोचा कि सब लोग काफ़ी देर से गेंद को खोज रहे है, पर किसी को मिला नही है, पर ये मुझे मिला है इसलिए ये अब मेरा हो गया। सौरभ ने गेंद मिलने की बात किसी को भी नही बताई और गेंद को चुरा कर अपने पास रख लिया। और उसके दोस्तों में भी किसी को ये पता नही चला, कि गेंद मिल गया है और उसे सौरभ ने चुरा कर रख लिया है। इस तरह से सौरभ ने सबके सामने गेंद चुरा कर आँखों से सुरमा चुराने के इस मुहावरे को सिद्ध कर दिया।
दोस्तों, हम आशा करतें हैं कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । आप अपने सुझाव देने के लिए हमें कमैंट्स जरूर करें ।
आपका दिन शुभ हो ।
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