अपना हाथ जगन्नाथ मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Apna Haath Jagannath Meaning in Hindi
- Get link
- X
- Other Apps
Apna Haath Jagannath Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / अपना हाथ जगन्नाथ मुहावरे का क्या अर्थ है?
![]() |
अपना हाथ जगन्नाथ |
मुहावरा- “अपना हाथ जगन्नाथ”।
( Muhavara- Apna Hath Jagannath )
अर्थ- स्वयं के द्वारा किया गया कार्य अच्छा होता है / अपने हाथों से किया गया काम ही उत्तम होता है / अपना काम खुद करने से भला होता है ।
( Arth/Meaning in Hindi- Svyam Ke Dwara Kiya Gaya Karya Achha Hota Hai / Apne Hathon Se Kiya Gaya Kam Hi Uttam Hota Hai / Apna Kaam Khud Karne Se Bhala Hota Hai )
अपना हाथ जगन्नाथ मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
अपना हाथ जगन्नाथ हिंदी भाषा का एक मशहूर मुहावरा है। इसका अर्थ स्वयं के हाथो द्वारा किया गया कार्य ही अच्छा होता है अथवा अपना काम खुद करने से भला होना होता है।
अपना हाथ जगन्नाथ अर्थात इस संसार में भगवान ही सबकुछ करने वाले है। भगवान के द्वारा किया गया सम्पूर्ण कार्य फलदायक होता है। उसी प्रकार अगर हम मनुष्य अपने हाथों को ही भगवान मान कर अपने सभी कार्यो को करेंगे तो हमारा कार्य अवश्य ही सिद्ध होगा।
हमारे कार्यो को कोई और तो करने आएगा नही, तो फिर हम क्यू किसी की आशा रखे कि कोई और हमारे कार्यो को पुरा करेगा। अगर हम ऐसा करेंगे तो ना ही हमारे कार्यो को करने के लिये कोई आयेगा और ना ही हमारा कार्य पूर्ण होगा।
इसलिए हमें खुद ही अपना हाथ जगन्नाथ मान कर अर्थात अपने हाथ को ही भगवान मानकर अपने कार्यो को करेंगे, तो निश्चित रूप से उस कार्य में हमें सफलता मिलेगी और हमारा कार्य सम्पूर्ण रूप से पुरा होगा और हमें सफलता भी मिलेगी।
उदाहरण-
पीटर हर रोज अपने घर पर बैठा रहता और ये सोचता की कोई आएगा और मुझे कोई काम देगा जिससे मेरी रोजी रोटी अच्छे से चलेगी। पर ऐसा होता नही था। हर रोज उसे निराशा ही मिलती। फिर एक दिन उसने स्वयं ही घर से बाहर जाकर अपने लिए काम की तलाश किया और उसे काम मील भी गया। पीटर बहोत खुश हुआ। वह मन ही मन सोचने लगा कि मैं किसी और के भरोसे दिन भर घर पर बैठा रहता पर मुझे कोई भी आकर काम नही देता था। और देखो अब ईश्वर की कृपा से मै खुद काम की तलाश में निकला और मुझे काम मील गया। पीटर ने कहा कि अपना हाथ जगन्नाथ मुहावरा मेरे लिये तो बरदान साबित हुआ। अब उस दिन से ही पीटर अपना कार्य स्वमं करने लगा। और उसके सभी कार्य पूर्ण होने लगे।
अपना हाथ जगन्नाथ मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Apna Haath Jagannath Muhavare Ka Vakya Prayog.
इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिये गये कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझा जा सकता है, जो कि इस प्रकार हैं-
वाक्य प्रयोग- 1.
प्रहलाद खुद से मेहनत करके बड़ा आदमी बना और ये साबित किया की अपना हाथ जगन्नाथ हो तो कोई भी कार्य पूर्ण हो सकता है।
प्रहलाद नौकरी के लिये दर-दर भटकता फिरता रहता था, पर उसे कही भी नौकरी नही मिल रहा था। फिर उसने खुद छोटा मोटा काम करके कुछ रुपयों को एकत्रित किया और उन रुपयों की मदत से एक छोटी सी किराने की दुकान खोली। प्रहलाद उस दुकान पर दिन भर काम करता और जो रुपये मिलता उसमे से कुछ बचा कर बाकी रुपये से दुकान के सामानो को लाता था। प्रहलाद ऐसा ही हमेशा करता था। धीरे धीरे प्रहलाद की किराने की दुकान बहोत बड़ी हो गयी। फिर प्रहलाद काम करने के लिए कुछ आदमियों को अपनी दुकान पर रख लिया। ऐसे ही धीरे धीरे समय बीतता गया और प्रहलाद खुद के मेहनत से आगे बढ़ता गया। प्रहलाद अब बहोत बड़ा व्यापारी बन गया था। उसने ये सिद्ध किया कि किसी के भरोसे न रहकर अगर हम खुद से मेहनत करे तो हम हर मुकाम हासील कर सकते हैं। प्रहलाद ने अपना हाथ जगन्नाथ के इस कथन को सत्य किया।
वाक्य प्रयोग- 2.
रोहन अपने स्कूल का गृहकार्य स्वयं ना कर के दूसरे से करवा कर स्कूल जाता था। जब स्कूल में गृहकार्य की जाँच होता तो रोहन का सारा गृहकार्य एकदम सही होता था। जब कक्षा में रोहन प्रश्नों के सही उत्तर नही देता, तो अध्यापक को उस पर सक हुआ। अध्यापक ने जब रोहन को बुलाकर पूछताछ किया तो सत्य का पता चल गया। अध्यापक ने रोहन को समझाया कि तुम्हे अपना गृहकार्य स्वयं करना चाहिये। रोहन ने जबाब दिया कि मै गृहकार्य ठीक से नही कर पाता हूं। अध्यापक ने रोहन को पुनः समझाया कि अब अपना गृहकार्य तुम स्वयं करना अगर कही कुछ पूछना हो तो तुम मुझसे पूछ लिया करना, क्युकी अपना हाथ जगन्नाथ होता है। तब से रोहन अपना गृहकार्य और अपने सभी काम स्वयं करने लगा। रोहन अब अपना कार्य स्वयं करके समझदार हो चुका था। अर्थात कि जब हम अपना हाथ जगन्नाथ होना मान लें तो हम कुछ भी कर सकते है।
वाक्य प्रयोग- 3.
सोनी ने जब अपनी बड़ी बहन से बोली कि दीदी मेरा प्रोजेक्ट पुरा देना। तो उसकी बहन ने जबाब दिया की नही मै नही करूंगी तुम अपना काम खुद करो, क्युकी अपना हाथ जगन्नाथ होता है।
सोनी को गर्मियों की छुट्टी में स्कूल से एक प्रोजेक्ट मीला था। पर सोनी उसे करना नही चाहती थी। सोनी गर्मियों की छुट्टी का लुप्त उठाना चाहती थी। इसलिए वो अपना प्रोजेक्ट अपनी बड़ी बहन से करवाना चाहती थी। पर जैसे ही सोनी ने अपनी बहन से प्रोजेक्ट पुरा करने के लिये बोला, तो उसकी बहन ने तुरंत ही मना कर दिया। और सोनी को समझाया की अपना काम तुम स्वयं किया करो तभी तुम सफल हो पाओगी, क्युकी अपना हाथ जगन्नाथ होता है। फिर सोनी ने अपना प्रोजेक्ट खुद पुरा किया। और समझ गयी कि अपना हाथ जगन्नाथ ही होता है। हमें दुसरो से उम्मीद नही करना चाहिये। उस दिन से सोनी अपना काम खुद करती और दुसरो को भी समझाती कि अपना हाथ जगन्नाथ होता है, हमें अपना काम स्वयं करना चाहिये।
- Get link
- X
- Other Apps
Comments
Post a Comment