"सावन हरे न भादों सूखे" मुहावरे का अर्थ और व्याख्या / Saavan Hare Na Bhado Sukhe Meaning In Hindi

  Sawan Hare Na Bhado Sukhe Muhavare Ka Arth Aur Vyakhya / सावन हरे ना भादों सूखे मुहावरे का अर्थ क्या होता होता है?

अपने मुँह मियाँ मिठ्ठू बनना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Apne Muh Miyan Mitthu Banana Meaning in Hindi

 

Apne Muh Miyan Mitthu Banana Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / अपने मुँह मियाँ मिठ्ठू बनना मुहावरे का अर्थ क्या है ?

 

अपने मुँह मियाँ मिठ्ठू बनना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Apne Muh Miyan Mitthu Banana Meaning in Hindi
Apne Muh Miya Mitthu Banna




मुहावरा- “अपने मुँह मियाँ मिठ्ठू बनना” ।


(Muhavara- Apne Muh Miyan Mitthu Banana)



अर्थ- स्वयं की प्रशंसा करना / अपनी तारीफ खुद करना / अपनी बड़ाई स्वयं करना


(Arth/Meaning in Hindi- Swayam Ki Prashansa Karna / Apni Tarif Khud Karna / Apni Badai Swayam Karna)





“अपने मुँह मियां मिठ्ठू बनना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-


अपने मुँह मियां मिठ्ठू बनना” यह हिंदी भाषा का एक लोकप्रिय मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ स्वयं के ही द्वारा स्वयं की प्रशंसा करना अथवा अपनी तारीफ खुद करना होता है । अर्थात कि जब कोई हमारी तारीफ ना करे, तो उस अवस्था में यदि हम अपनी तारीफ खुद करें तो हम कह सकते हैं कि अपने मुँह मियां मिठ्ठू बनना ।


इस मुहावरे का मतलब किसी का अपना होने का दिखावा करना अथवा खुद को बहुत अधिक प्रशंसा दिखाना, जिससे कि आत्मसमर्पण और अपनी विशेषता का अंदाजा हो । 

यह मुहावरा अधिकतर खुद की तारीफ करने वाले व्यक्तियों के लिए प्रयोग होता है जो खुद को सुन्दर, प्रशंसनीय या बहुत श्रेष्ठ बनाना चाहते हैं । 



इस मुहावरे का अर्थ एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं -


रोशन ने अपनी सफलता के बारे में सबको बता कर “अपने मुँह मियां मिठ्ठू बना” लिया ।

रोशन ने UP लेखपाल भर्ती का परीक्षा दिया था । जब रिजल्ट आया तो रोशन की खुशी का ठिकाना नही रहा, क्योंकि वह परीक्षा मे पास हो गया था । रोशन ने अपने इस भर्ती के बारे में खुद ही सबको बताने लगा । रोशन ने स्वयं ही अपनी सफलता का गुनगान सबको सुनाने लगा । सब लोग रोशन को देख कर यही बोलते कि ये तो “अपने मुँह मियां मिठ्ठू बन” गया । 



“अपने मुँह मियां मिठ्ठू बनना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Apne Muh Miyan Mitthu Banana Muhavare Ka Vakya Prayog.



“अपने मुँह मियां मिठ्ठू बनना” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिये गये कुछ वाक्य प्रयोगो के माध्यम से समझा जा सकता है, जो कि इस प्रकार से हैं -



वाक्य प्रयोग- 1.


सारे समाज में रानी अपने सौंदर्य को दिखा कर “अपने मुँह मियां मिठ्ठू बन” रही थी । 

रानी अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी । रानी को पता था की उसके माता-पिता उससे बहुत प्रेम करते हैं । इसलिए रानी जहां मर्ज़ी वहां आती जाती थी । रानी देखने में काफी खूबसूरत थी । वह ज्यादा समय अपने सजने सवरने पर ही व्यतीत करती थी । रानी जब सज सवर के तैयार हो जाती थी तो वो बाहर घूमने निकल जाती थी । रानी जब बाहर जाती थी तो वो अपने सौंदर्य का गुणगान स्वयं करने लगती थी । रानी से जो भी मिलता उससे यही कहती कि देखो देखो मै कितना सुन्दर लग रही हूं । मै सबको अच्छी लगती हूं । मेरे माता-पिता कहते हैं कि मैं दुनिया की सबसे सुन्दर लड़की हूं । रानी का ये व्यवहार देख कर सब कोई यही कहता कि ये तो “अपने मुँह मियां मिठ्ठू बन” रही है ।



वाक्य प्रयोग- 2.


इलाके के नेता जी स्वागत समारोह में अपने योगदान को सराह कर “अपने मुँह मियां मिठ्ठू बन” रहे थे ।

अपने इलाके मे नेता जी ने काफी ज्यादा विकास कार्य किया था । नेता जी जबसे चुनाव जीते थे तब से वो अपने इलाके में कोई ना कोई विकास कार्य करवाते ही रहते थे । इलाके की पुरी जनता नेता जी के विकास कार्यो को देख कर अत्यधिक प्रसन्न होती जा रही थी । एक दिन सबने मिल कर ये निर्णय लिया कि नेता जी के स्वागत के लिए एक स्वागत समारोह का आयोजन किया जाय । फिर अगले ही महीने नेता जी के लिए स्वागत समारोह का आयोजन किया गया । समारोह में इलाके के सभी लोगो को बुलाया गया था । कुछ समय बाद जब नेता जी को दो शब्द बोलने के लिए बुलाया गया तो वो तुरंत ही उठ खड़े हुए । नेता जी ने माइक पकड़ते ही अपने द्वारा कराये हुए विकास कार्यो को दोहराने लगे । और सबको बताने लगे कि इस इलाके के लिए उन्होंने क्या क्या किया । वैसे तो पुरी जानता को उनके विकास कार्यो के बारे मे पता था उन्हे ये बताने की जरूरत ही नही थी । फिर भी उन्होंने अपने मुख से अपनी बड़ाई करना चालू कर दिया । मतलब कि नेता जी अपने स्वागत समारोह में “अपने मुँह मियां मिठ्ठू बन” कर रह गये ।



वाक्य प्रयोग- 3.


राजन ने स्कूल टॉप करके ये साबित कर दिया कि उसे स्कूल में पछाड़ने वाला कोई नही है । और वह इस बात को हर किसी से कहता रहता है । स्कूल के वार्षिक परीक्षाओं में हर बार राजन ही सबसे अधिक अंक प्राप्त करता है । इसी बात को राजन हर एक बच्चे से कहता कि मैं ही हर बार स्कूल टॉप करता हूं । यहां तक की वह अपने अध्यापकों से भी अपनी स्वयं की प्रशंसा करता रहता है । राजन स्कूल से घर आते हुए रास्ते भर सभी लोगो से खुद की तारीफ करता रहता है । राजन के माता-पित उसको समझाते कि देखो बेटा खुद ही अपनी तारीफ नही करनी चाहिए । अगर तुम स्वयं ही अपनी प्रशंसा करोगे तो समाज में तुम अच्छे लोगों मे नही गिने जाओगे । पर राजन ठहरा एक अबोघ बालक, उसे कहां ये सब बातें समझ मे आती हैं । वो तो अपने स्कूल टॉप करने वाली बात पर ही सबसे अपनी बड़ाई करता फिरता रहता है । अर्थात कि राजन का इस प्रकार स्वयं की प्रशंसा करना ही “अपने मुँह मियां मिठ्ठू बनना” कहलाता है ।




दोस्तों हमें उम्मीद है कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । आप अपने सुझाव देने के लिए हमें कमैंट्स जरूर करें ।



आपका दिन शुभ हो ! 🙂



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