"सावन हरे न भादों सूखे" मुहावरे का अर्थ और व्याख्या / Saavan Hare Na Bhado Sukhe Meaning In Hindi

  Sawan Hare Na Bhado Sukhe Muhavare Ka Arth Aur Vyakhya / सावन हरे ना भादों सूखे मुहावरे का अर्थ क्या होता होता है?

फर्श से अर्श तक मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग है / Farsh Se Arsh Tak Meaning In Hindi


Farsh Se Arsh Tak Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / फर्श से अर्श तक मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग।

 

फर्श से अर्श तक मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग है / Farsh Se Arsh Tak Meaning In Hindi
फर्श से अर्श तक




मुहावरा- “फर्श से अर्श तक”।


( Muhavara- “Farsh Se Arsh Tak” )


अर्थ- “धरती से आसमान तक” । “नीचे से ऊपर तक” । किसी चीज को छोटे अस्तर से बड़े अस्तर तक पहुंचना” ।


( Arth/Meaning in Hindi- “Dharti Se Aasman Tak” / “Niche Se Upar Tak” / “Kisi Chij Ko Chhote Astar Se Bade Astar Tak Pahuchana” )





फर्श से अर्श तक मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-


“फर्श से अर्श तक” यह हिंदी भाषा का एक मुहावरा है। इसका अर्थ धरती से आसमान तक या नीचे से ऊपर तक जाना होता है।


इस मुहावरे का अर्थ किसी विषय या वस्तु के बिस्तार या उसके उत्पादन को सम्पूर्ण क्षेत्र तक पहुंचाना होता है। इसका प्रयोग किसी विषय की पुरी प्रक्रिया या परिधि को समझाने के लिए भी किया जाता है।


उदाहरण-


गीता ने लोगो में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक प्रोग्राम को फर्श से अर्श तक आयोजित किया।

गीता गांव की एक पढ़ी लिखी लड़की है। वह चाहती है कि लोगो में ख़ासकर के औरतों में मासिक धर्म के दौरान होने वाली अनचाही बीमारियों से झुटकारा पाने के लिए उनको जागरूक किया जाय।

होता ये है कि गाँव में महिलाये ज्यादा पढ़ी लिखी नही होती है। जिसके कारण वो बहुत सी जानकारियो से वंचित रह जाती है। बस जरूरत है तो एक अच्छी पहल की। जो गीता कर रही है।

गीता घर घर जा कर एक प्रोग्राम के माध्यम से सभी औरतों को ये समझाती है कि हम कैसे मासिक धर्म के दौरान होने वाली बीमारियों से बच सकते हैं। प्रोग्राम की मदत से दिखाया गया कि कैसे उस दौरान गंदे कपड़े के ईश्तेमाल से ये बीमारी बढ़ रही है। और प्रोग्राम में ये भी दिखाया और समझाया गया कि किस प्रकार हम एक स्वच्छ सेनेटरी पैड का ईश्तेमाल करके खुद को इन बीमारियों से बचा सकते है। और इसका खर्चा भी न के बराबर है। इस प्रकार गीता हर रोज मेहनत करके लोगो की ऐसी समस्याओ का समाधान किया। और लोगो में जागरूकता बढ़ाने के लिए फर्श से अर्श तक मेहनत किया। गीता ने इस विषय को सम्पूर्ण क्षेत्र तक पहुंचाया और समझाया। 



“फर्श से अर्श तक” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Farsh Se Arsh Tak Muhavare Ka Vakya Prayog.


इस मुहावरे का अर्थ हम नीचे दिये गए कुछ वाक्य प्रयोगो के माध्यम से समझ सकते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं - 



वाक्य प्रयोग- 1.


गौतम किसी भी विषय(समस्या) को फर्श से अर्श तक समझने के बाद ही कोई निर्णय लेता था।

गौतम एक समझदार और मेहनती किसान है। जब कोई गौतम को खेती के बारे में कोई सलाह देता तो उसे बड़े ध्यानपूर्वक सुनाता है। पर उस सलाह या विषय पर अमल करना है या नही उस पर गंभीरता से उसकी पुरी जानकरी हासील करता फिर कोई निर्णय लेता। गौतम छोटी बारीकियों से लेकर बड़ी से बड़ी बातों का विशेष ध्यान रखता । अपने विषय पर गौतम नीचे से ऊपर तक गहन अध्ययन करता। ऐसा करके गौतम अपने सूझ बुझ का परिचय देता। अर्थात कि हम ये कह सकते है कि गौतम किसी भी विषय को फर्श से अर्श तक समझने के बाद ही कोई निर्णय लेता था ।



वाक्य प्रयोग- 2.


रजनी अपनी प्रेजेंटेशन में हर बिन्दु को फर्श से अर्श तक समझाते हुए सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लिया। जैसे ही रजनी अपनी प्रेजेंटेशन को कंपनी के सभी बड़े अधिकारियो के सम्मुख प्रस्तुत किया, उसने सबका दिल जीत लिया। ऐसा इसलिए हुआ क्युकी रजनी ने अपने विषय के हर एक विन्दु या हर एक पहलू को छोटी सी जानकारी से लेकर बड़ी जानकारियों तक को बड़े अच्छे से सबके सामने प्रस्तुत किया। अपनी विषय की जानकारी को रजनी से पूरे विस्तापूर्वक सबके सामने रखा। यानी की रजनी अपनी प्रेजेंटेशन को फर्श से अर्श तक समझाने में सफल रही। 



वाक्य प्रयोग- 3.


इस वाक्य प्रयोग में हम आपको एक अलग तरीके से समझायेंगे कि और किस प्रकार इस मुहावरे का प्रयोग कर सकते हैं-

दिलीप एक मेहनती लड़का था। उसनें अपनी पढ़ाई के दम पर अपना और अपने परिवार का नाम रोशन किया था। पर वो किसी व्यवसाय या किसी नौकरी या फिर किसी भी प्रकार का सफलता हाशिल नही कर सका। फिर उसने एक दिन ये निश्चय किया की वो ब्लॉगिंग करेगा। और उसने ऐसा ही किया। 

दिलीप ने ब्लॉगिंग के बारे में फर्श से लेकर अर्श तक की सारी जानकारियों को हाशिल किया। इस प्रकार उसने अपनी ब्लॉगिंग का काम स्टार्ट किया। धीरे धीरे उसने ब्लॉगिंग पर अपना सारा समय देने लगा। ठीक दो साल के बाद दिलीप को इसमें सफलता मिली। सफलता मिलने के बाद अब दिलीप ब्लॉगिंग के जरिये लाखों कमाने लगा और पूरे क्षेत्र में अपना ब्लॉगर के तौर पर नाम कमाया। दिलीप छोटी जगह से बड़े अस्तर तक अपना नाम कमाया। हुआ ये कि दिलीप कुछ सालो वहले जमीन पर था। पर अब वह आसमान की उचाईयों को छु रहा है। मतलब की दिलीप ने फर्श से अर्श तक की सफलता अपने बलबूते प्राप्त किया और सभी के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया। 


दोस्तों, हम आशा करते हैं कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । अपने सुझाव देने के लिए हमें कमैंट्स जरूर करें ।


आपका दिन शुभ हो । 😊


धन्यवाद । 🙏




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