ठकुर सुहाती करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Thakur Suhati Karna Meaning In Hindi
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Thakur Suhati Karna Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / ठकुर सुहाती करना मुहावरे का अर्थ क्या है?
Thakur Suhati Karna |
मुहावरा- “ठकुर सुहाती करना” ।
(Muhavara- Thakur Suhati Karna)
अर्थ- चापलूसी करना / किसी व्यक्ति की बातों का समर्थन करना / खुशामद करना / हाँ में हाँ मिलाना ।
(Arth/Meaning In Hindi- Chaplusi Karna / Kisi Vyakti Ki Baaton Ka Samarthan Karna / Khushamad Karna / Ha Me Ha Milana)
“ठकुर सुहाती करना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
“ठकुर सुहाती करना” यह हिंदी भाषा में प्रयुक्त होने वाला एक मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ किसी की चापलूसी करना या फिर किसी व्यक्ति की बातों का समर्थन करना होता है । या फिर हम ये भी कह सकते हैं कि कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति की खुशामद करता है और उसके हाँ में हाँ मिलाता है तो ऐसे व्यक्ति को हम कह सकते हैं कि वह ठकुर सुहाती कर रहा है ।
“ठकुर सुहाती करना” इस मुहावरे का दूसरा मतलब ये है कि किसी की प्रशंसा या समर्थन करना या फिर ख़ासकर उसकी चापलूसी करना ।
इस मुहावरे को इस प्रकार भी प्रयुक्त किया जा सकता है,
जैसे-
“राजा के सामने सभी नृत्यकला कलाकारों ने ठकुर सुहाती किया, वो भी राजा का मान बढ़ाने के लिए ।”
यह मुहावरा किसी के सामने खुद को अच्छे ढंग से प्रस्तुत करने या किसी की खूबियों की प्रशंसा करने के लिए प्रयुक्त होता है ।
इस मुहावरे को एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं -
रोहन ने कहा कि मै ठकुर सुहाती नही करता चाहे भूखा ही क्यों न मर जाऊँ ।
कहने का मतलब ये है कि बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो दुसरों की चापलूसी करके अपना काम निकाल लेते हैं । ऐसे लोग कभी भी किसी के सगे नही होते हैं । इस प्रकार के व्यक्ति हर समय किसी ना किसी की खुशामद करने में लगे रहते है । और ऐसे व्यक्तियों को ही ठकुर सुहाती करना कहते हैं ।
किसी ने रोहन से कहा कि अगर तुम वर्मा जी का खुशामद करने लगो तो वो तुम्हारा कहीं ना कहीं काम जरूर लगवा देंगे । रोहन एक ईमानदार व्यक्ति है । रोहन को ये बात अच्छी नही लगी ।
रोहन ने उस व्यक्ति से कहा कि मैं ठकुर सुहाती नही करूंगा, चाहे भूखा ही क्यों न मर जाऊँ ।
“ठकुर सुहाती करना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Thakur Suhati Karna Muhavare Ka Vakya Prayog.
“ठकुर सुहाती करना” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिए गए कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझ सकते हैं । जो कि इस प्रकार से हैं -
वाक्य प्रयोग- 1.
सुरेश हमेशा अपने बॉस के हर बात का समर्थन करके ठकुर सुहाती करता रहता है ।
सुरेश को एक अच्छी सी कम्पनी में सिफारीश करने से नौकरी मिल गयी । सुरेश की नौकरी लगते ही वह सबका सम्मान करना सीख गया । सुरेश से अगर कोई कुछ कहता तो उसे वह तुरंत मान कर उसमें हामी भर देता है । इसी प्रकार सुरेश हर किसी का चापलूसी करते-करते अपने बॉस के करीब पहुंच गया । सुरेश अपने बॉस के हर काम में अपना हाथ बढाता है । वह अपने बॉस को खुश करने के लिए किसी का भी चापलूसी करने से कतराता नही है । इसीलिए सुरेश अपने बॉस के हर बात का समर्थन करता है । सुरेश ये नही सोचता कि बॉस जो कह रहें हैं वह बात ठीक है कि नही । बिना सोचे समझे सुरेश अपने बॉस के हर बात में हां में हां मिला देता है । सुरेश का इस प्रकार से अपने बॉस की हर बातों का समर्थन करना ही अथवा हां में हां मिलाना ही “ठकुर सुहाती करना” कहलाता है ।
वाक्य प्रयोग- 2.
करन क्रिकेट टीम में अपना स्थान पक्का करने के लिए कप्तान का “ठकुर सुहाती करना” कभी नही भूलता है ।
करन अपनी क्रिकेट टीम में अंदर बाहर होता रहता है । करन को कभी एक मैच में चुना जाता तो अगले दो तीन मैच मे उसे बाहर बैठा दिया जाता है । करन ने देखा कि कई खिलाडी कप्तान के हर एक बात को मानते हैं । इसीलिए करन ने भी सोचा कि टीम में अपनी जगह पक्की करने के लिए मै भी किसी भी हद तक जा सकता हूं । सुरेश अब कप्तान के आगे पीछे रहना शुरु कर दिया है । अगर कप्तान सुरेश से कोई सामान लाने को कहता तो वो तुरंत उसे लेकर आ जाता है । इसी प्रकार धीरे-धीरे सुरेश ने भी अपने कप्तान की खुशामद करना शुरु कर दिया । सुरेश का अपने कप्तान की खुशामद करना अथवा चापलूसी करना ही “ठकुर सुहाती करना” कहलाता है ।
वाक्य प्रयोग- 3.
कांता ने विधायक जी का पर्सनल सेक्रेटरी बनने के लिए उनकी “ठकुर सुहाती करना” शुरु कर दिया ।
कांता विधायक जी का मीडिआ हैण्डल संभालती है । पर कांता को इस काम में रुचि नही आती है । कांता चाहती है कि वह विधायक जी का पर्सनल सेक्रेटरी बन जाए । जिससे उसका भी बहुत से लोगो के साथ जान पहचान बन जाएगी । क्योंकि कांता को पता है कि जो पर्सनल सेक्रेटरी होता है वह हर समय विधायक जी के साथ ही रहता है । इसलिए कांता ने विधायक जी की पत्नी की चापलूसी करना शुरु कर दिया । विधायक जी की पत्नी ने कांता से कहा कि क्यों ना तुम बिधायक जी की पर्सनल सेक्रेटरी बन जा रही हो । अगर तुम उनकी पर्सनल सेक्रेटरी बन गयी तो मुझे तुम्हारे साथ ज्यादा समय मिलेगा साथ में रहने का । ऐसा करो कि तुम विधायक जी की थोड़ी खुशामद करना शुरु कर दो । अगर तुम्हे उनकी चापलूसी भी करनी पड़े तो भी करो । क्या पता वो तुम्हारे काम से खुश हो जाये । और तुम्हे अपना पी ए बना ले ।
कांता अगले दिन से ही विधायक जी की खुशामद में लग गयी । उनकी बातों में हाँ में हाँ मिलाने लगी और चापलूसी भी करने लगी । कांता का इस प्रकार से विधायक जी का खुशामद करने को ही “ठकुर सुहाती करना” कहते हैं ।
दोस्तों, हमें उम्मीद है कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । अपने सुझाव देने के लिए हमें कमैंट्स जरूर करें ।
आपका दिन शुभ हो ! 😊
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