अंक में समेटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Ank Mein Sametna Meaning In Hindi
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Ank Mein Sametna Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / अंक में समेटना मुहावरे का अर्थ क्या होता है ?
मुहावरा- “अंक में समेटना” ।
( Muhavara- Ank Mein Sametna )
अर्थ- गोद में लेना / आलिंगन करना / छाती से लगा लेना / गले लगाना / शरीर पुष्ट होना ।
( Arth/Meaning in Hindi- God Me Lena / Aalingan Karna / Sine Se Lagana / Gale Lgana / Sharir Pusht Hona )
“अंक में समेटना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
“अंक में समेटना” यह हिंदी भाषा में उपयोग होने वाला एक मुहावरा है । इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ किसी व्यक्ति या वस्तु को गोद में लेना, आलिंगन करना या फिर अपने छाती से लगा लेना होता है ।
इस मुहावरे को उस अवस्था में प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी पर खूब सारा प्यार दिखता है या किसी ऐसे के प्रति अपना प्रेम भावना को व्यक्त करता है, जिससे वह अत्यधिक लगाव रखता है । इस मुहावरे में ये दर्शाया गया है कि जब व्यक्ति अपने किसी प्रिय से मिलता है, तो उस प्रिय व्यक्ति को अपने छाती से लगा कर या अपनी गोद में लेकर अपनी भावना को व्यक्त करता है ।
इस मुहावरे को एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं -
रुद्र को देखते ही उसके मामा राजन जी ने उसे अपने अंक मे समेट लिया ।
राजन जी अपने भांजे रुद्र को तब का देखा है जब रुद्र ने जन्म लिया था । उसके बाद वो विदेश चले गए । आज कई सालों के बाद राजन जी विदेश से अपने घर वापस आए हैं । घर आने के बाद वो अपनी बहन के घर जाने की तैयारी करने लगे । राजन जी जब अपनी बहन के घर आये तो उनकी बहन ने उन्हे अपने गले लगा लिया और रोने लगी, क्योंकि राजन जी बहुत दिनों के बाद अपनी बहन के घर आये हैं । राजन जी की बहन ने अपने बेटे रुद्र को आवाज़ देकर कहा की रुद्र जल्दी आओ ये देखो तुम्हारे मामा जी आए हैं । रुद्र दौड़ते हुए अपनी माँ के पास आ गया । राजन जी अपने भांजे रुद्र को देखते ही अपनी गोद में उठा लिया और उस पर खूब सारा प्यार बरसाया । रुद्र राजन जी का बहुत ही प्रिय था । राजन जी रुद्र को बहुत देर तक अपने गोद में लेकर अपने गले से लगाए रहे । अतः हम ये कह सकते हैं कि राजन जी का अपनी बहन के साथ गले मिलकर भाई बहन के प्रेम को दिखाना या राजन जी का अपने भांजे रुद्र को देखते ही अपनी गोद मे उठा लेना ही “अंक में समेटने” के समान है ।
“अंक में समेटना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Ank Me Sametna Muhavare Ka Vakya Prayog.
“अंक में समेटना” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिए गए कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझ सकते हैं । जो कि इस प्रकार से हैं -
वाक्य प्रयोग- 1.
श्री राम जी ने जब भरत जी को देखा तो उन्होंने भरत जी को अपने अंक में समेट लिया ।
भरत जी को जब ये पता चला कि श्री राम जी वन को चले गए हैं, तो भरत जी श्री राम जी से मिलनें के लिए वन में उनके पास जाने का निर्णय किया । भरत जी जब श्री राम के सामने पड़े तो श्री राम जी ने भरत जी को अपने छाती से लगा लिया और उनपर अपने प्रेम की वर्षा करने लगे । दोनों भाई आपस में गले लग कर एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम भावना को आशुओं के जरिए व्यक्त करने लगे । मतलब की श्री राम जी का अपने भाई भरत जी को देखते ही अपने छाती से लगाना या दोनों का गले एक दूसरे से गले लगना ही “अंक में समेटना” कहलाता है ।
वाक्य प्रयोग- 2.
पूनम जब ससुराल से अपने मायके गयी तो उसने अपनी माँ को देखते ही अंक में समेट लिया ।
पूनम को शादी करके अपने ससुराल गए हुए दो साल हो गये है । पर शादी के बाद अभी तक पूनम अपनी माँ से नही मिली है । पूनम की माँ ने पूनम को अपने घर बुलाने के लिए उसके ससुराल में बुलावा भेजवाया । पूनम को जब ये पता चला की उसके मायके से उसका बुलावा आया है तो वो बहुत खुश हुई । अगले दिन पूनम अपने पति के साथ अपनी माँ के घर आ गयी । अपनी माँ को देखते ही पूनम ने अपने छाती से लगा लिया । पूनम दो सालों के बाद अपनी माँ से मिल रही है । पूनम अपनी माँ के लगे से लग कर और रोते हुए अपनी प्रेम भावना को व्यक्त करने लगी । अर्थात कि पूनम का अपनी माँ को देखते ही अपनी छाती लगा लेने को ही “अंक में समेटना” कहते हैं ।
वाक्य प्रयोग- 3.
क्रिकेट मैच जीतते ही खिलाड़ियों ने एक दूसरे को अंक में समेट लिया ।
टीम A और टीम B के बीच क्रिकेट मैच हो रहा था । उस मैच में दोनों ही टीमों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया । पर मैच के आखिरी ओवरों में टीम A को हार का सामना करना पड़ा । टीम A के मैच जीतते ही सभी खिलाड़ियों ने मैदान में दौड़ना शुरु कर दिया और अपने खिलाड़ियों को अगले से लगा लिया । खिलाड़ियों का इस प्रकार से एक दूसरे को गले लगाने की प्रकिया को “अंक में समेटना” कहते हैं ।
वाक्य प्रयोग- 4.
भीमा ने दंगल में जैसे ही अपने विपक्षी प्रतिद्वंदी को पटखनी दिया वह वही पर चीत हो गया । मैच रेफरी के गिनने तक जब भीमा का प्रतिद्वंदी नही उठा तो भीमा को विजयी घोषित कर दिया गया । भीमा को विजयी घोषित करते ही उसके समर्थको ने भीमा को अपने छाती से लगा लिया और कुछ ने तो भीमा को अपनी गोद में उठा लिया । अर्थात कि समर्थको द्वारा भीमा को अपने छाती से लगाने को ही “अंक में समेटना” कहते हैं ।
वाक्य प्रयोग- 5.
शेखर जब फ़ौज से छुट्टी पर घर आया तो, उसकी माँ ने उसे अपने अंक में समेट लिया ।
शेखर को फ़ौज मे सर्विस करते हुए ठीक 3 साल हो गये हैं । तीन सालों के बाद शेखर फ़ौज से छुट्टी लेकर जब घर आया तो उसकी माँ ने दौड़ कर उसे अपने छाती से लगा लिया । शेखर की माँ का अपने बेटे को फ़ौज से वापस आने पर अपनी छाती से लगाने को ही “अंक में समेटना” कहते हैं ।
दोस्तों, हमें उम्मीद है कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । अपने सुझाव देने के लिए हमें कमैंट्स करे ।
आपका दिन शुभ हो !😊
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