दोनों हाथों में लड्डू होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Dono Hatho Me Laddu Hona Meaning In Hindi
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Dono Hatho Me Laddu Hona Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / दोनो हाथों में लड्डू होना मुहावरे का अर्थ क्या होता है ?
Dono Hatho Me Laddu Hona |
मुहावरा- “दोनों हाथों में लड्डू होना” ।
( Muhavara- Dono Hatho Me Laddu Hona )
अर्थ- खुशी के दिन आना / हर तरफ से प्रशन्न होना / दोहरा लाभ होना / हर प्रकार से लाभ होना ।
(Arth/Meaning in Hindi- Khushi Ke Din Ana / Har Taraf Se Prashann Hona / Dohara Labh Hona / Har Prakar Se Labh Hona )
“दोनों हाथों में लड्डू होना” इस मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है -
“दोनों हाथों में लड्डू होना” यह हिंदी भाषा में उपयोग होने वाला एक मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ यह होता है कि जब किसी व्यक्ति के लिए ख़ुशी का दिन आ जाए या फिर वह व्यक्ति चारों तरफ से प्रसन्न हो अथवा उस व्यक्ति को दोहरा लाभ प्राप्त हो जाए ।
“दोनों हाथों में लड्डू होना” मुहावरा व्यक्ति की सफलता और भलाइयों की प्राप्ति का संकेत देने वाला है । इसका अर्थ यह होता है कि किसी व्यक्ति के दोनों हांथो में अच्छाईयों और सफलता की प्राप्ति हो रही है, जैसे कि लड्डू को पकवान की मिठास और सफलता का प्रतिक माना जाता है ।
इस मुहावरे का उपयोग सामान्यतः किसी के उत्कृष्ट कार्य या सफलता की स्थिति को संकेतित करने के लिए होता है । यह व्यक्ति को उत्साहित करने और उसे उसकी प्राप्ति के लिए प्रेरित करने का एक अच्छा तरीका है । जैसे-
सरकारी योजना के तहत, किसानो को फ़सल के लिए उचित मूल्य मिला और उन्हे दोनों हांथो में लड्डू होने का अनुभव हुआ ।
इस मुहावरे को एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं -
आज श्यामलाल के दोनों हांथो में लड्डू हैं । क्योंकि उनके दोनों बेटों को आज सरकारी नौकरी मिल गयी है । श्यामलाल जी का बड़ा बेटा तो पहले से ही थानेदार के तौर पर कार्यरत है । और अब उनका छोटा बेटा भी लेखपाल की भर्ती में पास हो गया है । मतलब की अब श्यामलाल जी के जीवन में खुशियों के दिन आ गए । श्यामलाल जी के घर के सभी सदस्य हर तरफ से प्रसन्न हैं ।
“दोनों हाथों में लड्डू होना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Dono Hatho Me Laddu Hona Muhavare Ka Vakya Prayog.
“दोनों हाथों में लड्डू होना” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिए गए कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझ सकते हैं । जो कि इस प्रकार से हैं -
वाक्य प्रयोग- 1.
नई बहू के घर आते ही मीरा जी के तो भाग्य खुल गए, अब मीरा जी के दोनों हाथों में लड्डू हैं ।
मीरा जी के दो बेटे और एक बेटी है । बेटी अपनी काबिलियत से बेसिक शिक्षा में सहायक अध्यापकपिका है । बड़ा बेटा अपना व्यवसाय चलाता है और छोटा बेटा डॉक्टर है । और अब छोटी बहू के आते ही मीरा जी को एक और खुशी मिल गयी । छोटी बहू बैंक में मैनेजर है । ऐसा घर देख कर कौन नही कहेगा की मीरा जी के घर में हर प्रकार से लाभ ही लाभ आ रहा है । मीरा जी लिए तो खुशियों के दिन हर रोज आ रहे हैं । मीरा जी को देखते ही सब कोई कहने लगता है कि अब तो आपके दोनों हाथों में लड्डू हैं ।
वाक्य प्रयोग- 2.
दिव्या के जन्मदिन के अवसर पर उसकी सहेली ने कहा कि तुम्हारे दोनों हाथों में लड्डू मिल गए ।
आज दिव्या का जन्मदिन है । उसके घर में सब लोग बहुत खुश हैं । जन्मदिन के अवसर पर दिव्या को बहुत सारे गिफ्ट मिल रहे हैं । लेकिन उसके लिए सबसे खुशी का समय तब आया जब उसके मम्मी पापा ने उसे गिफ्ट दिया । दिव्या के पापा ने उसे एक नाया लैपटॉप दिया, जिसे पाकर वह बहुत खुश हुई । दिव्या को दोहरा लाभ तब प्राप्त हुआ जब उसकी मम्मी ने उसे एक डिजाइनर लेहंगा गिफ्ट में दिया । डिज़ाइनर लेहंगा पाकर आज दिव्या के तो खुशी के दिन आ गए । आज दिव्या हर तरफ से प्रसन्न है । इसी प्रसन्नता को देख कर दिव्या की सहेली ने कहा कि आज तुम्हारे दोनों हाथों में लड्डू हैं ।
वाक्य प्रयोग- 3.
दीपक ने दो महीने के अंदर ही तीन नौकरी निकाल लीया । अब यो उसके दोनों हाथों में लड्डू हैं ।
दीपक कई सालों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था । वह अनेकों परीक्षाओं में सम्मिलित हुआ । पर उसका कोई भी परीक्षा नही निकला । इस इस साल भी दीपक ने कई परीक्षाएं दी हैं । पर इस बार दो महीने के अंदर ही उसकी तीन परीक्षाएं निकल चुकी है । दीपक के अब खुशियों के दिन आ गए हैं । दीपक आज हर तरफ से प्रसन्न है । क्योंकि तीन नौकरी की परीक्षाओं में पास होने के बाद दीपक के दोनों हाथों मे लड्डू है ।
वाक्य प्रयोग- 4.
सरला आज सहायक अध्यापिका है । अगर वह हेड मास्टर बन गयी तब तो उसे दोहरा लाभ प्राप्त हो जायेगा । सरला के हेड मास्टर बनते ही उसके खुशी के दिन भी आजायेंगे । अर्थात सरला का हेड मास्टर बनना उसके लिए दोनों हाथों मे लड्डू होने के समान होंगे ।
वाक्य प्रयोग- 5.
केशव के दोनों हाथों में लड्डू क्या मिल गये, वह तो अभी से ही अपना रुतबा दिखाने लगा ।
केशव को सरकार के तरफ से वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है । और उसे कुछ धनराशि भी प्राप्त हुई है । ये केशव के लिए लाभ मिलने जैसा है । कुछ दिनों के बाद केशव को रेलवे के स्पोर्ट्स कोटा में नौकरी भी मिल गयी । दीपक के लिए रेलवे में नौकरी मिलना दोहरा लाभ मिलने जैसा है । अब दीपक हर किसी को अपना रुतबा दिखता चलता है । अर्थात कि दीपक को सरकार के द्वारा लाभ मिलना और फिर रेलवे के स्पोर्ट्स कोटे में नौकरी मिलना उसके लिए दोनों हाथों में लड्डू होने के समान हैं ।
दोस्तों, हमें उम्मीद है कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । अपने सुझाव देने के लिए हमें कमैंट्स जरूर करें ।
आपका दिन शुभ हो !😊
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