नाक का बाल होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Naak Ka Baal Hona Meaning In Hindi
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Naak Ka Baal Hona Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / नाक का बाल होना मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
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Naak Ka Bal Hona |
मुहावरा- “नाक का बाल होना” ।
(Muhavara- Naak Ka Baal Hona)
अर्थ- बहुत निकट और विश्वस्त होना / प्रिय व्यक्ति होना / गहरा मित्र होना / अधिक प्यारा होना / किसी के अधिक समीप होना ।
(Arth/Meaning in Hindi- Bahut Nikat Aur Vishwasht Hona / Priya Vyakti Hona / Gahara Mitra Hona / Ashik Pyara Hona / Kisi Ke Adhik Samip Hona)
“नाक का बाल होना” मुहावरे का अर्थ/व्यख्या इस प्रकार है-
“नाक का बाल होना” यह हिंदी भाषा में प्रयोग किया जाने वाला एक मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ किसी व्यक्ति का बहुत प्रिय होना या किसी के अत्यधिक समीप होना होता है ।
दोस्तों, अगर कोई व्यक्ति किसी का बहुत खास है और वह हर वक़्त उसके समीप रहता है तो हम ये कह सकते हैं कि वह व्यक्ति उसका नाक का बाल है । किसी का बहुत प्यारा और गहरा मित्र होना भी इस मुहावरे का अर्थ होता है ।
इस मुहावरे को एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं -
मुझसे शर्मा जी ने कहा कि आपको तो मालूम होगा कि आजकल दुबे जी प्रधानाचार्य जी की नाक के बाल बने हुए हैं ।
उपरोक्त उदाहरण में ये बताया गया है कि एक व्यक्ति जिनका नाम दुबे जी है, वे किस प्रकार हर समय प्रधानाचार्य महोदय जी के समीप रहते हैं । हर वक़्त समीप रहने के कारण दुबे जी प्रधानाचार्य जी के बहुत प्रिय भी हो गये हैं ।
यही कारण है कि मुझसे शर्मा जी ने कहा कि आजकल दुबे जी प्रधानाचार्य जी के “नाक का बाल बने” हुए हैं ।
“नाक का बाल होना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Naak Ka Baal Hona Muhavare Ka Vakya Prayog.
“नाक का बाल होना” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिए गए कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझा जा सकता है । जो कि इस प्रकार से हैं -
वाक्य प्रयोग- 1.
राघव अपनी माँ का बहुत ही प्रिय है, इसलिए सब कोई कहता है कि राघव अपनी माँ की नाक का बाल है ।
राघव अपने माता-पिता का एकलौता संतान है । राघव जो भी वस्तु मांगता, उसे वह मिल जाता है । राघव की माता उससे बहुत ज्यादा प्यार करती है । राघव की माँ एक पल के लिए भी राघव को अपने से दूर नही होने देती है । राघव की माँ जहां भी जाती उसे अपने साथ लेकर जाती हैं । राघव अपने पिता के साथ थोड़ा कम समय व्यतीत करता है और अपनी माँ के साथ ज्यादा ।
राघव अपनी माँ के ज्यादा करीब रहने से वो अपनी माँ का दुलारा हो गया है । दोनों एक साथ रहने के कारण दोनोें का एक दूसरे के साथ लगाव ज्यादा हो गया है । और राघव की माँ उससे हद से ज्यादा ही प्यार करती है, और हमेशा अपने करीब रखती है । यही कारण हैं कि लोग कहते है, कि राघव अपनी माँ की नाक का बाल है ।
वाक्य प्रयोग- 2.
सुरेश हमेशा कहता है कि राजनीति में नेताओं को जनता की नाक का बाल बन कर रहना चाहिए ।
सुरेश एक राजनीतिक विश्लेषक है । वह जनता के मूड से भली-भांति परिचीत है । लोगों के मन में नेताओं को लेकर क्या सोच रहता है, ये जानने के लिए सुरेश चुनाव के समय में उनके बीच जाता रहता है । नेताओं का तो यही काम है कि चुनाव आते ही उनको जनता याद आने लगती है । और चुनाव बीत जाने के बाद ये लोग जनता को भूल जाते हैं ।
सुरेश ने आगे बताया कि जनता के मन में अपने नेताओं को लेकर अलग ही सोच रहती है । जनता चाहती है कि चुनाव जितने के बाद भी नेता लोग उनके समीप रहें । अगर नेता लोग अपनी जनता के समीप रहते और उनसे जुड़े हुए रहते तो उन्हे लोगो का और प्यार मिलता ।
इसीलिए सुरेश ने कहा कि नेताओं को जनता के दिल में जगह बनाने के लिए उन्हे जनता की नाक का बाल होना पड़ेगा ।
वाक्य प्रयोग- 3.
आजकल हर कोई अपने फायदे के लिए सरकारी बाबूओं के नाक का बाल होना चाहता है ।
हम सब को पता है कि आजकल सरकारी सुविधाओं का लाभ हर किसी को मिल रहा है । फिर कुछ लोग ऐसे हैं, जो चाहते है कि सरकारी सुविधाओं का कितना ज्यादा फायदा उठा लिया जाए । पर ऐसा हो नही पाता है क्योंकि उनकी सरकारी बाबुओं से नजदीकी नही है । बहुत कम ही लोग होते हैं जो सरकारी बाबुओं के निकट रहते है और उनके मित्र भी बन जाते है । और यही लोग सरकारी सुबिधाओं का ज्यादा फायदा उठाते हैं । इसी को देखकर आजकल हर कोई यही चाहता है कि वो भी सरकारी बाबूओं के निकट आ जाए और उनको अपना मित्र बना लें । अर्थात कि लोगों का सरकारी बाबू के निकट आना अथवा उनको अपना मित्र बनाने की कोशिश करना ही नाक का बाल होने या बनने के समान है ।
हम आशा करते हैं कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । अपने सुझाव देने के लिए हमें कमैंट्स जरूर करें ।
आपका दिन शुभ हो ! 😊
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