Parts Of Speech In Hindi / पार्ट्स ऑफ स्पीच परिभाषा व प्रकार की सम्पूर्ण जानकारी

 

Kinds Of  Parts Of Speech In Hindi / Definition Of Parts Of Speech In Hindi / शब्द-भेद क्या होता है और ये कितने प्रकार के होते हैं ?

 
Parts Of Speech In Hindi / पार्ट्स ऑफ स्पीच परिभाषा व प्रकार की सम्पूर्ण जानकारी ।
Parts Of Speech In Hindi




Parts Of Speech ( शब्द-भेद ) :


भाषा के प्रत्येक शब्द को उसके कार्य के अनुसार किसी न किसी वर्ग में रखा गया है, जिससे की उसकी पहचान भी हो जाए और उसके कार्य करने का ढंग भी निश्चित हो जाए । इन प्रक्रियाओं को ही पार्ट्स ऑफ स्पीच यानी की शब्द-भेद कहते हैं ।


पार्ट्स ऑफ स्पीच भाषा विज्ञान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो शब्दों को विभिन्न श्रेणियों में  विभाजित करने में मदद करता है । इससे हम शब्दों को शुद्ध रूप से प्रयोग कर सकते हैं और उनका सही मतलब निकाल सकते हैं ।


पार्ट्स स्पीच को हिंदी में शब्द-भेद कहते हैं, जिसको वर्गीकरण अर्थात कि क्लासिफिकेशन भी कहते हैं । इंग्लिश के किसी भी सेंटेंस में जितने वर्ड्स होते हैं, उन सभी को अलग-अलग क्लासेज में विभाजित किए जाने को ही शब्द-भेद अर्थात की पार्ट्स ऑफ स्पीच कहते हैं ।



Kinds Of Parts Of Speech In Hindi / शब्द-भेद कितने प्रकार के होते हैं? 


शब्दों को सुद्ध रूप से समझने के लिए पार्ट्स ऑफ स्पीच को आठ (8) मुख्य भागों में बांटा गया है, जो कि इस प्रकार से हैं -


1. Noun ( संज्ञा )


2. Pronoun ( सर्वनाम )


3. Adjective ( विशेषण )


4. Verb ( क्रिया )


5. Adverb (क्रिया-विशेषण )


6. Preposition ( संबंधसूचक )


7. Conjunction ( समुच्चयबोधक )


8. Interjection ( विस्मयादिबोधक )



अब हम एक-एक करके संक्षिप्त रूप में इनके बारे में जानते हैं कि ये क्या होते हैं और इनका प्रयोग कहाँ और कैसे किया जाता है ।


 

1. Noun ( संज्ञा ) किसे कहते हैं? 


“संज्ञा” भाषा विज्ञान में एक प्रमुख शब्द है जो व्यक्ति, स्थान, वस्तु, जाति, भावना या किसी भी वस्तु को पुकारने के लिए प्रयुक्त होता है । संज्ञा किसी भी व्याकरणिक शब्द को सूचित कर सकता है और उसे एक व्यक्ति, स्थान, वस्तु या भावना का नाम देने में मदद कर सकता है ।


उदाहरण:


क. व्यक्ति (Person) : राज, श्याम, नीता

ख. स्थान (प्लेस) : जू, स्कूल, दिल्ली

ग. वस्तु (Thing) : किताब, गाड़ी, घड़ी

घ. जाति (Class) : आदमी, बच्चा, बिल्कुल

च. भावना (Feeling) : प्यार, घृणा, खुशी


इन्हे अन्य शब्दों के साथ सम्बोधित करके पहचाना जा सकता है, जैसे- यह, उसका, एक, हर, आदि ।



2. Pronoun ( सर्वनाम ) किसे कहते हैं? 


“सर्वनाम” भाषा विज्ञान में एक विशेष प्रकार का शब्द है जो विशेषतः एक व्यक्ति, स्थान, वस्तु या जाति की जगह पर प्रयुक्त होता है । सर्वनाम शब्द विशेषता को बताने के लिए प्रयुक्त किया जाता है और एक विशिष्ट संदर्भ में किसी की जगह पर आता है ।


उदाहरण :


क. व्यक्ति (Person) : वह, तुम, हम, मैं

ख.वस्तु (Place) : यहाँ, वहाँ, इस ओर, उस ओर

ख. स्थान (Thing) : यह, वह, इस ,उस

ग. जाति (Class) : कोई, कुछ, कोई भी, कहीं भी


इन शब्दों का उपयोग समय, स्थान, संबंध, उपाधि आदि को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है जिससे कि भाषा संक्षेप में रहे ।



3. Adjective ( विशेषण ) किसे कहते हैं? 


“विशेषण” भाषा विज्ञान में एक प्रकार का पुनर्निर्देशन है जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता को बताने के लिए प्रयुक्त होता है । इसका मुख्य उद्देश्य शब्दों को विशेषता से बढ़ाकर उन्हे और स्पष्ट बनाना है । विशेषण सम्बन्धीत संज्ञा या सर्वनाम की विशेषताएं बताता है ।


उदाहरण :


1. रंग ( Color ) : सुन्दर फुल, नीला आसमान

2. साइज ( Size ) : छोटी किताब, लम्बा स्थान

3. रस ( Taste ) : मिठा आम, तीखे मसाले

4. दूरी ( Distance ) : दूर शहर, करीब गांव


विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम को सीधे और स्पष्टता से वर्णन करना संभव होता है, जिससे भाषा विविधता और सुंदरता को बढ़ाता है ।



4. Verb ( क्रिया ) किसे कहते हैं? 


“क्रिया” भाषा विज्ञान में एक महत्वपूर्ण पार्ट्स ऑफ स्पीच है जो किसी क्रिया, क्रिया-विशेषण या क्रिया रूपी शब्द को दर्शाने के लिए प्रयुक्त होता है । क्रिया एक व्यक्ति, स्थान, वस्तु अथवा भावना की क्रिया को क्रिया के रूप में पहचानना है जिससे किसी क्रिया का समर्पण और संकेत हो सके ।


उदाहरण : 


1. क्रिया ( Action ) : खाना, पीना, लिखना, पढना

2. स्थान ( Location ) : आना, जाना, रहना, खड़ा होना

3. वस्तु ( Object ) : खरीदना, बेचना, बनाना तोड़ना

4. भावना ( Emotion ) : हसना, रोना, गुस्सा करना, प्यार करना 


क्रिया भाषा को गति और उत्साह से भरने का कार्य करता है और भाषा को दुर्व्यापक बनाती है ।



5. Adverb ( क्रिया-विशेषण ) किसे कहते हैं? 


“क्रिया-विशेषण” किसी क्रिया का वर्णन करने वाला शब्द है जो यह बताता है कि एक क्रिया कैसे, कब, कहाँ, क्यों या कितने समय तक हुई है । इसका उपयोग किसी क्रिया को और स्पष्ट रूप से समझाने के लिए किया जाता है ।


उदाहरण : 


1. वह धीरे चलता है । ( How - धीरे से )

2. मैं यहाँ रोजगार के लिए आया हूं । ( Why - रोजगार के लिए )

3. वह बहुत अच्छी तरह गा रहा है । ( How - अच्छी तरह )


क्रिया-विशेषण से हमें किसी क्रिया की विविधता और विशेषता का पता चलता है और वाक्य को समर्थन और स्पष्टता मिलता है ।



6. Preposition ( संबंधसूचक ) किसे कहते हैं? 


“सम्बन्ध-सूचक”  शब्द वह होता है जो दो शब्दों या शब्द-समूहों के बीच सम्बन्ध बताने का कार्य करता है । यह किसी भी स्थान, समय, दिशा, स्थिति आदि का संदर्भ डेता है और वाक्य को सही संरचना देने में मदद करता है ।


उदाहरण :


1. वह पार्क में बैठा है । ( पार्क में - स्थान का संबंध )

2. मै तुम्हारे साथ कक्षा में हूं । ( तुम्हारे साथ - संबंध का संकेत )

3. वह तालाब के पास खड़ी है । ( तालाब के पास - स्थान का संबंध )


सम्बन्ध-सूचक वाक्यों को सुधारने में मदद करता है और उसे सही संरचना देने में योगदान करता है ।



7. Conjunction ( समुच्चयबोधक ) किसे कहते हैं? 


“समुच्चयबोधक” शब्द वह होता है जो विभिन्न शब्दों, वाक्यों या वाक्यांशो को मिलाकर एक सम्बन्ध बताता है और वाक्य को सम्बोधित करने में मदद करता है । इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के संयोजक शब्दों के साथ किया जा सकता है, जैसे कि और, तथा, परन्तु, किन्तु आदि ।


उदाहरण : 


1. राम और श्याम स्कूल जाते हैं ।

2. मैंने खाना खाया परन्तु वह नहीं ।

3. तुमने बहुत कोशिश की, लेकिन अब भी सफल नही हो पाए ।


समुच्चयबोधक शब्दों में शब्दों को सम्बोधित करने में मदद करता है और विभिन्न धाराओं को एक साथ जोड़ने में योगदान करता है ।



8. Interjection ( विस्मयादिबोधक ) किसे कहते हैं? 


“विस्मयादिबोधक” एक ऐसा शब्द है जो भावना, भाव, अथवा आश्चर्य को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है । ऐसे विशेष रूप से आश्चर्य, हैरानी, रोमांच, प्रसन्नता, उत्साह या अन्य भावनाओं को जताने के लिए प्रयुक्त किया जाता है । विस्म्यादिबोधक शब्दों का उपयोग अकस्मात, चौकाने या प्रसन्नता व्यक्त करने के लिए होता है ।


उदाहरण :


1. ओह! यह कैसे हुआ?

2. वाह! यह सच हो गया!

3. हे भगवान! यह कैसे हो गया!


विस्म्यादिबोधक शब्दों का प्रयोग व्यक्ति की असमान्य भावनाओं को सीधे रूप से व्यक्त करने के लिए किया जाता है और इससे भाषा को जीवंत और रंगीन बनाए रखता है ।







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