पगड़ी उछालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Pagadi Uchhalna Meaning In Hindi
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Pagdi Uchalna Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / पगड़ी उछालना मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
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Pagadi Uchhalna |
मुहावरा- “पगड़ी उछालना” ।
( Muhavara- Pagdi Uchhalna )
अर्थ- अनादर करना / अपमानित करना / लज्जित करना / मान भंग करना / बेइज्जत करना ।
( Arth/Meaning in Hindi- Andar Karna / Apmanit Karna / Lajjit Karna / Maan Bhang Karna / Beizzat Karna )
“पगड़ी उछालना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
“पगड़ी उछालना” यह हिंदी भाषा में प्रयुक्त किए जाने वाला एक लोकप्रिय मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ किसी व्यक्ति को भरे समाज में अपमानित करना, बेइज़्ज़त करना, अनादर करना अथवा उस व्यक्ति का मान सम्मान भंग करना होता है ।
“पगड़ी उछालना” मुहावरा उस स्थिति को संकेतित जब किसी को नीचा दिखाने, शर्मिंदा करने, या उसकी गरिमा को क्षति पहुचाने का साहस किया जाता है । इस मुहावरे में किसी की अवमानना या बदनामी करने का प्रयास शामिल हो सकता है ।
जैसे-
1. गजेंद्र अपने सहकर्मियों को अपमानित करने के लिए मोटे-मोटे तरीकों का इश्तेमाल करता है ।
2. शिक्षक ने छात्र को शिक्षा के माध्यम से अपमानित करने का प्रयास नही किया, बल्कि उसे सहानुभूति और समर्थन प्रदान किया ।
इस मुहावरे का अर्थ एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं -
समय से उधार लिए पैसे न चुका पाने पर सबके सामने रोहन ने सुरेश की पगड़ी उछाल दीया ।
सुरेश को किसी काम के लिए कुछ पैसों की जरूरत थी । सुरेश ने अपने एक करीबी रोहन से अपनी जरूरत बताई और उससे कुछ उधार पैसे मांगे । रोहन ने पैसे तो दे दिए पर उन पैसों को समय से चुकाने के लिए भी बोल दिया । कुछ समय बीत जाने के बाद भी सुरेश पैसे नही चुका पाया । समय से अपने पैसे वापस न पाने पर रोहन सुरेश के घर पहुंच गया । रोहन ने सुरेश को समय से पैसे न चुकाने पर बहुत अपमानित किया । शोर सराबा सुन कर आस पास के लोग भी इकट्ठा हो गए । सब लोगों के सामने रोहन ने सुरेश को बहुत बेइज़्ज़त किया और पैसे चुकाने के लिए एक सप्ताह का और समय दिया ।
पैसों के लिए रोहन का सुरेश को इस प्रकार से अपमानित करने अथवा बेइज़्ज़त करने को ही पगड़ी उछालना कहते हैं ।
“पगड़ी उछालना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Pagadi Uchhalna Muhavare Ka Vakya Prayog.
“पगड़ी उछालना” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिए गए कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझ सकते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं-
वाक्य प्रयोग- 1.
समूह की एक सदस्य शांति देवी ने अपने समूहों के अन्य सदस्यों की अनुमति से गौ पालन के लिए पचास हजार रुपए निकलवाए थे । उन रुपयों को एक साल के अंदर जमा करना था । पर शांति ने उन रुपयों को समयनुसार जमा नही किया । समूह के पैसे समयानुसार वापस जमा न करने पर अन्य सदस्यों ने शांति को डांट फटकार लगाकर अपमानित किया । शांति अपने समूह के सदस्यों द्वारा किए गए इस व्यवहार से बहुत लज़्ज़ीत महसूस कर रही थी । अर्थात कि समूह के सदस्यों द्वारा समूह से लिए पैसों के लिए शांति को अपमानित करने को ही पगड़ी उछालना कहते हैं ।
वाक्य प्रयोग- 2.
शर्मा जी के घर पर शादी की बात करने के लिए उनके कुछ पुराने मेहमान आए थे । सब लोग बैठ कर बात कर ही रहे थे कि शर्मा जी का बेटा लड़खरते हुए घर आया । शर्मा जी के बेटे को देख कर लग रहा था की उसने बहुत सारा मदिरा का सेवन किया है और किसी से लड़ झगड़ कर आ रहा है । घर पर आये हुए मेहमानों ने शर्मा जी के लड़के के बारे में भला बुरा कह कर उनका मान भंग किया । मेहमानों ने कहा की ऐसे नालायक बेटे से कौन अपनी लड़की की शादी करेगा । शर्मा जी आपको पहले ही बता देना चाहिए था कि आपका लड़का मदिरा का सेवन करता है और लड़ाई झगड़ा भी । ऐसे बेटे का पिता होने पर आपको शर्म आनी चाहिए । मेहमानों ने ऐसे ही बहुत सारी बातें कर के शर्मा जी का अपमान किया । अर्थात कि मेहमानो ने बेटे की गलती के कारण शर्मा जी की पगड़ी उछाली ।
वाक्य प्रयोग- 3.
घनश्याम जी का बेटा रेलवे में नौकरी करता है । घनश्याम जी ने अपने बेटे की शादी एक सरकारी अध्यापक की बेटी से तय की है । शादी के दिन लड़की के घर पर दहेज़ का सामान देख कर घनश्याम जी गुस्सा हो गए । उन्होंने लड़की के पिता को बुला कर कहा कि आप मेरे बेटे को इतना ही सामान दे रहे हैं । मेरा बेटा रेलवे में नौकरी करता है । उसके हिसाब से आप तो कुछ भी नही दे रहे हैं । देखिए अभी पुरा दिन बचा है आप और सामान मंगवाइए नही तो ये शादी नही होगी । घनश्याम जी ने लड़की के पिता का भरे समाज़ में मान भंग कर दिया । उन्होंने लड़की के पिता जी को दहेज़ के सामान के लिए बहुत लज़्ज़ीत किया । घनश्याम जी के द्वारा लड़की के पिता जी का इस प्रकार से मान भंग करना अथवा उनको लज़्ज़ीत करना ही पगड़ी उछालना कहलाता है ।
वाक्य प्रयोग- 4.
बॉस ने शेखर को एक प्रोजेक्ट पुरा करने के लुए दिया था । शेखर उस प्रोजेक्ट को समय से पुरा नही कर पाया जिसकी वजह से कम्पनी को बहुत नुकसान हुआ । कम्पनी के बॉस ने शेखर को सबके सामने अपमानित किया और उसे नौकरी से निकाल दिया । बॉस के द्वारा बेइज़्ज़त होने पर शेखर सबके सामने शर्मिंदा महसूस कर रहा था । कम्पनी के बॉस द्वारा शेखर को अपमानित करके कम्पनी से निकाले जाने को ही पगड़ी उछालना कहते हैं ।
वाक्य प्रयोग- 5.
लड़की वालों ने बारातियों का जब स्वागत-सत्कार अच्छे से नही किया तो बारातियों ने इसे अपना अनादर समझा । कुछ बारातियों ने तो इसे अपना अपमान समझ लिया और वो बारात से वापस घर लौट गए । लड़की वालों के द्वारा बाराती अपना स्वागत-सत्कार अच्छे न करने पर अपना अनादर और अपमान समझना ही पगड़ी उछालने के समान है ।
दोस्तों, हमें उम्मीद है कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । अपने सुझाव देने के लिए हमें कमैंट्स जरूर करें ।
आपका दिन शुभ हो ! 😊
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