घाव पर नमक छिड़कना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Ghav Par Namak Chhidkana Meaning In Hindi
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Ghav Par Namak Chhidkana Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / घाव पर नमक छिड़कना मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
मुहावरा- “घाव पर नमक छिड़कना” ।
( Muhavara- Ghav Par Namak Chhidkana )
अर्थ- दुःखी व्यक्ति को और दुखी करना / दुःख में और दुःख देना / ऐसा काम करना जिससे दुःखी व्यक्ति और अधिक दुःखी हो जाए ।
( Arth/Meaning in Hindi- Dukhi Vyakti Ko Aur Dukhi Kar Dena / Dukh Me Aur Dukh Dena / Yesa Kaam Karna Jisase Dukhi Vyakti Aur Adhik Dukhi Ho Jaye )
“घाव पर नमक छिड़कना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
“घाव पर नमक छिड़कना” यह हिंदी भाषा में प्रयुक्त होने वाला एक महत्वपूर्ण व प्रचलित मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ किसी दुःखी व्यक्ति को और अधिक दुःखी करना अथवा ऐसा कार्य करना जिससे कोई दुःखी व्यक्ति और अधिक दुःखी हो जाए होता है ।
“घाव पर नमक छिड़कना” एक हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ है किसी व्यक्तिबके दुखती रग पर हाथ रखना या उसके दुःख को और बढ़ाना ।
जब कोई पहले से ही परेशानी में होता है और आप कुछ ऐसा कहते या करते हैं जिससे उसकी तकलीफ़ और बढ़ जाती है, तो उसे “घाव पर नमक छिड़कना” कहते हैं ।
किसी व्यक्ति की कठिन परिस्थिति या दुख को और बढ़ाना या उस पर ताने मारना “घाव पर नमक छिड़कने” के समान है । यह क्रिया बहुत ही हृदयहिन और संवेदनहीन होती है, क्योंकि पहले से ही परेशान व्यक्ति को और दुखी करना किसी भी दृष्टिकोण से सही नही माना जाता है ।
इस मुहावरे का प्रयोग समाज़ में उन स्थितियों को दर्शाने के लिए किया जाता है जहां किसी व्यक्ति की पीड़ा को न केवल नजरअंदाज किया जाता है, बल्कि उसपर और अधिक प्रहार किया जाता है ।
जैसे-
1. तुम उसे बुरा-भला कहकर क्यों घाव पर नमक छिड़क रहे हो? असफलता का दुःख क्या उसे कम है?
2. कमलेश की नौकरी जैसे ही छुटी, उसके दोस्तों ने उसे ताने मार कर उसके घाव पर नमक छिड़क दिया ।
3. कविता के परीक्षा में असफल होने पर उसके घर वालों ने उसे डाटकर घाव पर नमक छिड़क दिया ।
4. राजेश के घर वालों के द्वारा उसे घर से बाहर निकालने के बाद उसके दोस्तों ने भी उसके घाव पर ये कहकर नमक छिड़का कि तुम्हारे घर वालों ने तुम्हे घर से किसी कारण से नकाला होगा और हम तुम्हे अपने घर में जगह नही दे सकते ।
5. जब सोनू की माँ बीमार थी, तब उसके रिश्तेदारों ने उसके घर की आर्थिक स्थिति पर ताने मार कर घाव पर नमक छिड़क दिया ।
“घाव पर नमक छिड़कना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Ghav Par Namak Chidakna Muhavare Ka Vakya Prayog.
“घाव पर नमक छिड़कना” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिए गए कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझ सकते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं -
वाक्य प्रयोग- 1.
कार दुर्घटना में रमेश के पैर टूट जाने पर उसके दोस्त उसे देखने आए । रमेश को सहानभूति देने के बजाय उसके दोस्तों ने घाव पर नमक छिड़कने का काम किया । रमेश के दोस्तों ने कहा कि जब तुम्हे कार नही चलाने आती है तो तुम क्यूं कार चलाने की जिद्द करते हो । देखो तुम्हारी क्या हालत हो गई । रमेश के दोस्तों ने आगे कहा कि तुम कहाँ मानने वाले हो तुम कल से ही फिर से कार चलाना शुरु कर सकते हो । तुम्हारे किए ये चोट तो कुछ भी नही है । फिर रमेश ने कहा कि यार तुम लोग मुझे देखने आये हो या फिर मेरे दुःख में और दुःख देने आये हो । तुम लोग मुझे सांत्वना नही दे सकते तो कम से कम मेरे घाव पर नमक तो मत छिड़को ।
वाक्य प्रयोग- 2.
कमला की शादी टूट जाने पर उसके सहकर्मियों ने उसके घाव पर नमक छिड़कर उसका मज़ाक उड़ाया ।
कमला की सादी हो होने वाली है । उसके घर वालों ने शादी की सभी तैयारियां पुरी कर ली थी । पर अचानक से लड़के वालों के घर से संदेशा आया कि वो ये शादी नही कर सकते हैं । इस खबर को सुन कर कमला के घर वालों का बुरा हाल हो गया । अगर कमला की शादी नही हुई तो घर की इज़्ज़त, मान सम्मान सब कुछ मिट्टी में मिल जायेगा । कमला के पिता जी ने लड़के वालों से बहुत विनती किया कि वो ये शादी कर ले पर लड़के वालोंं ने मना कर दिया और फिर शादी टूट गयी । यह खबर कमला के ऑफिस में फैल गई । कमला जैसे ही अपने ऑफिस गई उसके सहकर्मियों ने उसका मज़ाक बनाना शुरु कर दिया । शादी टूटने से कमला पहले से ही दुःखी थी और अब उसके दोस्तों अर्थात कि सहकर्मियों ने भी उसको दुःखी कर दिया । तभी अचानक से कमला के बॉस आ गये और सभी कर्मचारियों को फटकार लगाई और कहा कि कमला की शादी टूटी है । उसपे क्या बित रही होगी वो ही जानती है और तुम लोग उसे सहानभूति दिखाने के बजाय उसके घाव पर नमक छिड़क रहे हो । हमें ऐसा काम नही करना चाहिए जिससे कोई दुःखी व्यक्ति और दुःखी हो जाए ।
वाक्य प्रयोग- 3.
टीम के हार जाने पर कोच ने कप्तान और सभी खिलाड़ियों को फटकार लगा कर उनके घाव पर नमक छिड़क दिया ।
टीम अपना मैच बुरी तरह से हार गई । इस हार से दर्शक इतने गुस्सा हो गये कि उन्होंने मैदान में जूते चप्पल फेकना शुरु कर दिया और अपने खिलाड़ियों पर टिप्पड़ी करने लगे । इस व्यवहार से टीम के सभी खिलाड़ी बहुत दुःखी हो गये । टीम के सभी खिलाड़ी निराश हो कर अपने ड्रेसिंग रूम में बैठे थे तभी वहां पर टीम के कोच आ पहुंचें । कोच को देख कर सभी खिलाड़ी खड़े हो गये । कोच ने टीम के प्रदर्शन पर बहस करना शुरु कर दिया । कोच ने टीम के कप्तान और सभी खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन को लेकर फटकार लगाना शुरु कर दिया । कोच ने कहा कि मुझे टीम से इस प्रकार के खेल की उम्मीद नही थी । इस प्रदर्शन से देश का नाम खराब हुआ है । बेचारे खिलाड़ी बहोत दुःखी और शर्मिंदा महसूस कर रहे थे । एक तो टीम दर्शकों के व्यवहार से पहले से ही दुःखी और निराश थे और उपर से कोच ने फटकार लगाकर खिलाड़ियों के घाव पर नमक छिड़क दिया ।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । अपने सुझाव देने के लिए कमैंट्स जरूर करें ।
आपका दिन शुभ हो !
धन्यवाद !
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