अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Akela Chana Bhad Nahi Phod Sakta Meaning In Hindi

 


Akela Chana Bhad Nahin Fod Sakta Muhavre Ka Arth Aur Vakya Prayog / अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता मुहावरे का अर्थ क्या होता है?

 
अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Akela Chana Bhad Nahi Phod Sakta Meaning In Hindi
Akela Chana Bhad Nahi Fod Sakta





मुहावरा- “अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता” ।


( Muhavara- Akela Chana Bhad Nahi Phod Sakta )



अर्थ- किसी कठिन काम को व्यक्ति बिना सहायता के अकेला नही कर सकता / अकेला व्यक्ति बड़ा काम नही कर सकता ।


( Arth/Meaning in Hindi- Kisi Ka thik Kam Ko Vyakti Bina Sahayata Ke Akele Nahi Kar Sakta / Akela Vyakti Bada Kam Nahi Kar Skta Hai )





“अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-


“अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता”, यह हिंदी भाषा में प्रयोग किए जाने वाला एक महत्वपूर्ण मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ है कोई व्यक्ति किसी बड़े कार्य को अकेले नही कर सकता ।


“अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता” का मतलब है कि अकेला व्यक्ति किसी बड़े या कठिन कार्य को सफलता पूर्वक नही कर सकता । यह मुहावरा इस बात पर जोर देता है कि सामूहिक प्रयास और सहयोग की आवश्यकता होती है, क्योंकि कुछ कार्य इतने बड़े होते हैं कि उन्हे अकेले पूरा करना मुश्किल हो जाता है ।


इस मुहावरे का अर्थ यह है कि किसी भी बड़े कार्य को करने के लिए टीम वर्क या सामूहिक प्रयास की जरूरत होती है । अकेले व्यक्ति के पास चाहे कितनी भी बड़ी योग्यता और क्षमता हो, वह बहुत बड़े कार्य को अकेले अंजाम नही दे सकता । यह मुहावरा अक्सर उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां किसी व्यक्ति को याद दिलाना होता है कि अकेले कार्य करने से सफलता मिलना मुश्किल है और दुसरों के सहयोग की आवश्यकता होती है ।


जैसे-


1. सिपाही ने अपने दरोगा से कहा, कि आप अकेले ही इन रिश्वतखोरी को कैसे रोक लेंगे । अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता ।


2. केशव ने नए प्रोजेक्ट को अकेले ही संभालने की कोशिश की, लेकिन उसे यह समझ में आ गया कि, अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता ।


3. कम्पनी के मालिक ने अपने कर्मचरियों को याद दिलाया कि, अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता, इसलिए उन्हे टीम के रूप में काम करना चाहिए ।


4. समाज को सुधारने के लिए हर व्यक्ति का योगदान जरूरी है, क्योंकि अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता ।


5. खेल के मैदान में भी टीम वर्क जरूरी है, क्योंकि अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता ।


6. शहर की सफाई करने के लिए अकेले प्रयास करने से कुछ नही होगा, क्योंकि अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता ।


7. आर्थिक मंदी से उबरने के लिए पूरे देश को मिलकर काम करना होगा, क्योंकि अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता ।


8. संगठन में सुधार लाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा, क्योंकि अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता ।



“अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Akela Chana Bhad Nahi Phod Sakta Muhavare Ka Vakya Prayog. 


“अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता” इस मुहावरे का अर्थ निचे दिए गए कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझ सकते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं -



वाक्य प्रयोग- 1.


सोनू एक होशियार छात्र था, लेकिन वह हमेशा अकेले ही काम करना पसंद करता था । एक दिन स्कूल में विज्ञान प्रदर्शनी के लिए प्रोजेक्ट बनाने की घोषणा की गई । सोनू ने सोचा की वह अकेले ही प्रोजेक्ट बना सकता है । सोनू ने दिन रात मेहनत की, लेकिन प्रदर्शनी के दिन उसका प्रदर्शन अधूरा रह गया । वहीं, उसके दोस्त केशव ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर काम किया और उनका प्रोजेक्ट सर्वश्रेष्ठ चुना गया । सोनू ने तब समझा कि “अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता” ।



वाक्य प्रयोग- 2.


एक छोटे गाँव में गोपी नाम का व्यक्ति रहता था । गोपी ने अपने गाँव के विकास के लिए अकेले ही सफाई अभियान चलाना शुरु किया । गोपी हर रोज सुबह और शाम को गाँव को सफाई करता था । कुछ दिनों तक गोपी अकेले ही गाँव की सफाई करता रहा पर उसका यह अभियान अधूरा रह गया । गाँव वालों ने देखा की गोपी अकेले ही गाँव की सफाई कर रहा है, तो उन्होंने भी मदद करने का निर्णय लिया । सभी के साथ मिलकर काम करने से गाँव की सफाई हो गई । तब गोपी को समझ में आया कि “अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता” ।



वाक्य प्रयोग- 3.


जंगल में आग लग गई थी, और एक छोटा सा हाथी आग बुझाने की कोशिश कर रहा था । वह अपने छोटे से सूँढ से पानी लेकर आग पर डालता, लेकिन आग बुझने का नाम नही ले रही थी । तभी बाकी जानवरों ने भी आग बुझाने का फैसला किया । सबने मिलकर मेहनत की, और धीरे-धीरे पुरी आग बुझा दी । उस छोटे हाथी ने तब समझा की अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता है ।



वाक्य प्रयोग- 4.


दीपक ने एक किराने की दुकान खोली, लेकिन उसने दुकान में अकेले ही काम करने का फैसला किया । शुरुआत में दुकान ठीक ठाक चली, लेकिन धीरे-धीरे काम का बोझ बढ़ता चला गया और वह परेशान हो गया । उसके दोस्त ने उसे सलाह दी कि वह किसी को अपनी मदद के लिए दुकान पर रख ले । दीपक ने सलाह मानी, और एक लड़के को दुकान पर रख लिया और दुकान फिर से चलने लगी । इस तरह से दीपक ने समझा कि अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता है ।


दोस्तों, हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । आप अपने कोई भी सुझाव देने के लिए हमें कमैंट्स जरूर करें ।


आपका दिन शुभ हो ।




  

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