“कमर टूटना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kamar Tutna Meaning In Hindi
Kamar Tutna Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / कमर टूटना मुहावरे का क्या अर्थ होता है?
मुहावरा- “कमर टूटना”।
(Muhavara- Kamar Tutna)
अर्थ- मानसिक या शारीरिक कष्ट सहना / हिम्मत टूट जाना / निराश होना / असहाय होना ।
(Arth/Meaning in Hindi- Mansik Ya Sharirik Kasht Sahna / Himmat Tut Jana / Nirash Hona / Asahay Hona)
“कमर टूटना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
अर्थ:
'कमर टूटना' एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है अत्यधिक थकान, कठिन परिश्रम से अत्यधिक थक जाना, या अत्यधिक आर्थिक, मानसिक या शारीरिक कष्ट सहना। जब कोई व्यक्ति शारीरिक परिश्रम या कठिन परिस्थितियों के कारण इतना थक जाता है कि उसे आगे काम करने की शक्ति नहीं बचती, तब कहा जाता है कि उसकी "कमर टूट गई।"
व्याख्या:
इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति अत्यधिक कठिनाई या परिश्रम से जूझ रहा हो। यह सिर्फ शारीरिक थकान तक सीमित नहीं है, बल्कि मानसिक और आर्थिक दबाव के संदर्भ में भी इसका उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति बहुत अधिक कर्ज में डूबा हुआ है और उसे चुकाने में असमर्थ हो रहा है, तो कहा जाता है कि उसकी "कमर टूट गई है।" इसी प्रकार, अगर किसी व्यक्ति को अत्यधिक मेहनत करनी पड़ रही है और उसका शरीर जवाब देने लगता है, तो भी यही मुहावरा प्रयोग किया जाता है।
यह मुहावरा भारतीय समाज में आमतौर पर मेहनत, संघर्ष और कष्टों को दर्शाने के लिए प्रयुक्त किया जाता है। मजदूर वर्ग, किसान, व्यापारी, और मध्यम वर्ग के लोग इस मुहावरे का अधिकतर उपयोग करते हैं क्योंकि उनकी दैनिक जिंदगी में कठिन परिश्रम और संघर्ष अधिक होता है।
उदाहरण:
1. शारीरिक परिश्रम:
*"दिन-रात खेतों में काम करके रामू की कमर टूट गई, लेकिन फिर भी वह अपने परिवार का पेट पालने के लिए मेहनत कर रहा है।"
*"बुजुर्ग माता-पिता अपने बच्चों के लिए दिन-रात काम करते हैं, जिससे उनकी कमर टूट जाती है।"
2. आर्थिक संकट:
*"महंगाई इतनी बढ़ गई है कि गरीबों की कमर टूट गई है।"
*"लॉकडाउन के दौरान छोटे व्यापारियों की कमर टूट गई क्योंकि उनकी दुकानें महीनों तक बंद रहीं।"
3. मानसिक दबाव:
*"बच्चों की पढ़ाई और घर की जिम्मेदारियों का बोझ उठाते-उठाते रमेश की कमर टूट गई।"
*"कार्यालय में इतना अधिक काम रहता है कि कर्मचारियों की कमर टूट जाती है।"
साहित्यिक संदर्भ एवं सामाजिक परिप्रेक्ष्य:
हिंदी साहित्य में भी इस मुहावरे का व्यापक उपयोग हुआ है। प्रसिद्ध कवि और लेखकों ने अपने साहित्य में इस मुहावरे का उपयोग समाज में व्याप्त कठिनाइयों को दर्शाने के लिए किया है। गरीबों और मजदूरों की कठिनाइयों को चित्रित करने के लिए इस मुहावरे का उपयोग बार-बार किया जाता रहा है।
आधुनिक युग में भी यह मुहावरा उतना ही प्रासंगिक है। आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोग मानसिक और शारीरिक रूप से इतने थक जाते हैं कि उनकी "कमर टूटने" जैसी स्थिति हो जाती है। विशेषकर, मध्यम वर्गीय परिवारों और श्रमिक वर्ग के लोगों को यह मुहावरा अपनी वास्तविक स्थिति का सही चित्रण लगता है।
“कमर टूटना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Kamar Tutna Muhavare Ka Vakya Prayog.
1. बाढ़ के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो गई और उनकी कमर टूट गई।
2. दिन-रात मेहनत करने के बाद भी महंगाई के कारण गरीबों की कमर टूट रही है।
3. इस बार के कठिन प्रश्नपत्र ने छात्रों की कमर तोड़ दी।
4. लगातार ओवरटाइम करने से कर्मचारियों की कमर टूट गई।
5. पिता ने बच्चों की पढ़ाई के लिए इतना कर्ज ले लिया कि उसकी कमर टूट गई।
6. बारिश न होने के कारण खेत सूख गए, जिससे किसानों की कमर टूट गई।
7. महंगे इलाज के खर्चों ने परिवार की कमर तोड़ दी।
8. घर की EMI और बच्चों की फीस भरने में आदमी की कमर टूट जाती है।
9. महामारी के दौरान बेरोजगारी ने मजदूरों की कमर तोड़ दी।
10. लगातार घंटों तक कंप्यूटर पर काम करने से मेरी कमर टूट गई।
11. सड़क निर्माण में लगे मजदूरों की कमर टूट गई, लेकिन उन्हें समय पर मजदूरी नहीं मिली।
12. बढ़ते करों ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी।
13. दिवाली की सफाई करते-करते माँ की कमर टूट गई।
14. चुनाव प्रचार में दिन-रात मेहनत करने से कार्यकर्ताओं की कमर टूट गई।
15. भारी सूटकेस उठाते-उठाते मेरी कमर टूट गई।
निष्कर्ष:
'कमर टूटना' मुहावरा एक सजीव चित्रण प्रस्तुत करता है कि कैसे अत्यधिक मेहनत, आर्थिक तंगी, मानसिक दबाव या किसी प्रकार की विकट परिस्थिति व्यक्ति को कमजोर बना देती है। यह हिंदी भाषा के सबसे प्रचलित मुहावरों में से एक है, जो जीवन के संघर्षों और कठिनाइयों को अभिव्यक्त करता है।
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